तेलंगाना स्थापना दिवस पर सोनिया गांधी का संदेश, X पर राज्य के लोगो को स्थापना दिवस की सुभकामनाएं दी।

सोनिया गांधी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X आज तेलंगाना राज्य की स्थापना दिवस को लेकर हार्दिक शुभकामनाएं दी है। और राज्य के विकास को लेकर कांग्रेस पार्टी द्वारा हर एक मुमकिन कोशिश कराने की एक उम्मीद दी। 

 

सोनिया गांधी ने X पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा “तेलंगाना के मेरे भाइयों और बहनों को नमस्कार 🙏🏼

आज तेलंगाना स्थापना दिवस के इस महत्वपूर्ण अवसर पर मैं अपने संदेश की शुरुआत मां तेलंगाना के उन अनगिनत शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए करना चाहती हूं, जो इस महान राज्य के निर्माण के लिए शहीद हुए।”

2004 में करीम नगर में तेलंगाना के लोगों से किए गए अपने वादे को याद करते हुए, कांग्रेस पार्टी की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने कहा, “मैंने वादा किया था कि कांग्रेस पार्टी तेलंगाना के अलग राज्य के सपने को पूरा करेगी। इस बयान के बाद मेरी अपनी पार्टी के अंदर भी असहमति हुई थी। कई लोगों ने हमारी पार्टी भी छोड़ी, मगर आपके धैर्य और संकल्प ने मुझे तेलंगाना के सपने को पूरा करने की शक्ति, साहस और प्रेरणा दी।”

 

पिछले दस वर्षों में तेलंगाना के लोगों द्वारा मिले सम्मान और प्यार के लिए आभार व्यक्त करते हुए, उन्होंने कहा, “आपने हमारी पार्टी को एक समृद्ध और विकसित तेलंगाना के निर्माण की जो जिम्मेदारी सौंपी है, मैं उन सभी सपनों को पूरा करना अपना कर्तव्य समझती हूं।”

 

सोनिया गांधी ने तेलंगाना की प्रगति और उज्ज्वल भविष्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा, “आज इस शुभ दिन पर मैं आप सभी को विश्वास दिलाती हूं कि तेलंगाना में रेवंत रेड्डी जी के नेतृत्व की कांग्रेस सरकार अपनी गारंटी को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।”

तेलंगाना
Source YouTube

तेलंगाना स्थापना दिवस के अवसर पर सोनिया गांधी ने राज्य की प्रगति और उज्ज्वल भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं और कहा, “दसवें तेलंगाना स्थापना दिवस के अवसर पर उसकी प्रगति और उज्ज्वल भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं देती हूं।”

जय हिंद, जय तेलंगाना

CPP चेयरपर्सन : श्रीमती सोनिया गांधी जी

 

तेलंगाना राज्य का गठन: कब और क्यों?

तेलंगाना राज्य का गठन 2 जून 2014 को हुआ था। इसका उद्देश्य आंध्र प्रदेश से अलग होकर एक नया राज्य बनाना था, ताकि तेलंगाना क्षेत्र के विकास और विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए समग्र प्रगति सुनिश्चित की जा सके।

 

तेलंगाना के गठन के पीछे कारण

1. ऐतिहासिक और सांस्कृतिक भिन्नता: 

तेलंगाना का क्षेत्र आंध्र प्रदेश से ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भिन्न था। निजाम शासन के दौरान तेलंगाना का विकास आंध्र प्रदेश के तटीय और रायलसीमा क्षेत्रों की तुलना में अपेक्षाकृत कम हुआ था।

 

2. आर्थिक सहायता: 

तेलंगाना के लोगों का यह मानना था कि उनके क्षेत्र के संसाधनों का उचित उपयोग नहीं हो रहा है और आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा उनके विकास की अनदेखी की जा रही है। विशेषकर, पानी के संसाधनों और सरकारी नौकरियों में भेदभाव की शिकायतें थीं।

 

3. राजनीतिक आंदोलन: 

1969 से ही तेलंगाना क्षेत्र में अलग राज्य के लिए राजनीतिक आंदोलन शुरू हो गया था। विभिन्न संगठनों और पार्टियों ने इस आंदोलन को समर्थन दिया। 2001 में तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) की स्थापना हुई, जिसने इस आंदोलन को और गति दी।

 

4. कांग्रेस पार्टी का वादा:  

2004 में कांग्रेस पार्टी ने तेलंगाना क्षेत्र के लोगों से अलग राज्य के गठन का वादा किया था। 2009 में यह वादा और मजबूत हुआ, जब केंद्र सरकार ने तेलंगाना राज्य के गठन की प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया।

 

तेलंगाना राज्य का गठन

28 फरवरी 2014 को भारतीय संसद ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक 2014 पारित किया, जिसने तेलंगाना को भारत का 29वां राज्य बनाया। यह विधेयक राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद लागू हुआ और 2 जून 2014 को तेलंगाना राज्य के रूप में अस्तित्व में आया।

 

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