तेलंगाना सरकार ने तंबाकू और निकोटीन युक्त गुटखा पर लगाया एक साल तक प्रतिबन्ध, मैन्युफैक्चर और डिस्ट्रिब्यूशन पर भी लगी रोक।

हैदराबाद: तेलंगाना की सरकार ने राज्य में तंबाकू और निकोटीन युक्त गुटखा और पान मसाला की Manufacturing, Storage, Distribution, Transportation और Selling पर प्रतिबंध लगा दिया है। यानी तेलंगाना में अब न तो गुटखा बनाया जा सकेगा और न ही बेचा जा सकेगा। ये प्रतिबंध 24 मई, 2024 से एक वर्ष की अवधि के लिए लगाया गया है। ये बैन राज्य में लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लगाया गया है। और अगले एक वर्ष तक लागू रहेगा।

खाद्य सुरक्षा आयुक्त के आदेश के अनुसार, ये प्रतिबंध खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत लगाया गया है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत प्रतिबंध का उद्देश्य जनता की सुरक्षा करना है। साल 2014 में तेलंगाना की स्थापना के बाद से राज्य में गुटखा पर प्रतिबंध लगा दिया गया। नवंबर 2021 में तेलंगाना उच्च न्यायालय ने प्रतिबंध बरकरार रखा था। प्रतिबंध को गुटखा निर्माताओं ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसने मार्च 2022 में प्रतिबंध लगाने वाली अधिसूचना पर रोक लगा दी थी।

सितंबर 2022 में तेलंगाना उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट की रोक लागू रहने तक निर्माताओं और विक्रेताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया। राज्य ने जनवरी 2023 में गुटखा पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी की। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर भी रोक लगा दी. ऐसे में देखना होगा कि नए प्रतिबंध को कैसे लागू किया जाता है।

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गुटखा और पान मसाला के सेवन से जुड़े गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। गुटखा की वजह से मुंह का कैंसर, मुंह का सबम्यूकस फाइब्रोसिस और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिलती हैं।

इस फैसले का मकसद तंबाकू और निकोटीन वाले उत्पादों की खपत पर अंकुश लगाना है, जो जनता के लिए स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं। हालांकि, ये देखना होगा कि इस नए प्रतिबंध को कैसे लागू किया जाएगा, क्योंकि पिछले बैन को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया था।

 

सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में, खाद्य सुरक्षा आयुक्त, तेलंगाना राज्य, गुटका और पान मसाला की Manufacturing, Storage, Distribution, Transportation और Selling पर प्रतिबंध लगाता है। ये वे प्रोडक्ट हैं जिनमें तंबाकू और निकोटीन होता है। और जो पाउच, पैकेज, कंटेनर या किसी अन्य रूप में पैक किए गए जाते हैं। ये सभी 24 मई, 2024 से पूरे तेलंगाना राज्य में एक साल की अवधि के लिए प्रतिबंधित हैं।”

 

तेलंगाना सरकार पर सोशल मीडिया यूजर्स की राय।

तेलंगाना में गुटका को बंद किए जाने पर कई सोसल मीडिया यूजर्स ने अपने अपने विचारो को शेयर किया है। जिसमे से कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इसकी तारीफ की और वहीं कई यूजर्स ने इसको गलत करार दिया है।

मनदीप नाम के यूजर ने लिखा,
“आपको सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने से कौन रोक रहा है?”

वहीं तेलंगाना के पान शॉप ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद सलाहुद्दीन दखनी ने The Hindu से बात करते हुए कहा,

“तेलंगाना में करीब 1.5 लाख पान की दुकानें हैं। हम गुटका पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन करते हैं। और कई दुकानों ने पहले ही इसे बेचना बंद कर दिया है। हालांकि, हम अधिकारियों से अनुरोध करते हैं,। कि वे चबाने वाले तंबाकू और जर्दा को छूट दें, क्योंकि लाखों परिवार अपनी आजीविका के लिए इन बिक्री पर निर्भर हैं।”

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